छूटते चले जाना

मेरी महबूब
तुमसे छूटते चले जाना
बिल्कुल ऐसा लगता है
जैसे
पुलिस की लाठी पड़ती है
किसी फुटपाथ वाले की दुकान पर
शहर को साफ-सुथरा दिखाने के लिए
या
किसी नेता के रोड शो के कारण
अपना खोमचा समेटता
कोई दुकानदार
बैचेनी
मायूसी
उदासी
अनिश्चितता
सब एक साथ घेर लेती है

मुझे तो तुमपर गुस्सा नहीं आता है
लेकिन
क्या उस फुटपाथ वाले
खोमचे वाले को भी नहीं आना चाहिये?
गुस्सा...?

©नीतीश

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