सुबह के नौ बजकर चौबीस मिनट हो चुका है। बिस्तर से उठने का मन बिल्कुल नहीं कर रहा है। लेकिन उठना तो पड़ेगा ही। नास्ता में इडली सांभर है। पाँच मिनट में गए तो मिलेगा नहीं तो नहीं। आज सुकांता का पराठा खाऊंगा, दही के साथ। मुनिरका में आशुतोष ने पराठा के साथ दही खिलाने का आदत लगाया। बड़े दिनों बाद आज लिख रहा हूँ। There is a direct relationship between my anxiety and writings. The level of anxiety goes up, the volume of writing goes up; anxiety low, volume of writing goes down. जी करता है यूँही बिस्तर पर पड़ा रहूँ। बैकग्राउंड में फ़ैज़ की नज्म "आज बाजार में पा-ब-जौलाँ चलो" नूर गा रही है।
मैं उठकर अब दीवर के सहारे अपने पीठ को टिका दिया हूँ। कल साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट पर एक वीडियो देखा जिसमे एक आदमी बीस साल से फोल्डेड था। मतलब वो कभी उठ के खड़ा ही नहीं हो पाता था। उसका सर हमेशा उसकी ठुड्डी में लगा रहता था। करीब चार सर्जरी के बाद वो करीब बीस साल बाद खुद को आइना में देख पा रहा है। वो खड़ा हो पा रहा था। मैंने पानी की बोतल उठाकर दो घूँट पानी पी लिया है।
अब थोड़ा अच्छा लग रहा है। अब मैं लाइब्रेरी जाऊँगा। शायद। नहीं। बिल्कुल मैं इग्यारह से पहले रीडिंग रूम रहूँगा। अब जेएनयू में अपना कमरा है। पाश, फ़ैज़ और साहिर तीनों अब दीवार पर हैं। फूलन को स्टडी टेबल पर चिपका दिया हूँ। उसके दूसरे साइड, सार्त्र और सिमोन दी बुवेएर का प्रोटेस्ट मार्च करता हुआ न्यूज़पेपर कट। दूधिया रोशनी को बालकनी में शिफ्ट कर दिया हूँ और टेबल लैंप में लाल रंग वाला बल्ब लगा दिया हूँ।
मुझे पता है। मैं हर बार गिरने के बाद उठ खड़ा हूँगा। कमरे में झाड़ू लगाऊंगा। टेबल साफ करूंगा। चाय बनाऊंगा। तब तक पीछे से फ़ैज़-साहिर मेरे अंदर के पॉलिटिक्स को चार्ज कर देंगे। मैं बैग लेकर लाइब्रेरी चला जाऊँगा। दरवाजे पे चिपके भगत सिंह बाई-बाई कर रहे होंगे।
दिल्ली
24/11/2021
सॉरी मैं बताना भूल गया। नेटफ्लिक्स पर एक ट्रेलर आई है। बेहद खूबसूरत। मैं दसियों बार देख चुका हूँ। कोबाल्ट ब्लू। लगता है मैं अब नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन लूंगा। यस। एक्टर की आवाज बेहद attractive है। मेरे कमरे में अब भी बहुत जगह है खाली, तेरे जाने के बाद।
मैं जेएनयू में हूँ। दिल्ली में नहीं। इसीलिए अब से एड्रेस चेंज।
पेरियार होस्टल,
जेएनयू।
24/11/2021
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