शहर के बाहर-1

शहर के बाहर हूँ। दिल्ली से दूर राजस्थान में, गुजरात के निकट। जहाँ ठहरा हूँ वहाँ एक लगभग बूढ़ी औरत ने बढ़िया खाना बनाकर खिलाया। एकदम गोल रोटी, घर वाली, घी लगी हुई साथ मे भिंडी की भुजिया और मूँग दाल और दो बेहतरीन अचार। खाने के बाद आमरस। सबकुछ में बेहद प्यार था। मैंने ऊपर से हरी मिर्च माँगी। 

यहाँ बेहद गर्मी है। इसे अबु रोड कहते हैं। अभिनव ने लाया है। गरासिया जनजाति पर वैक्सीन हेजिस्टेंसी पे काम करना है उसको। स्टेशन से लौटते वक्त ऑटो वाले से बात करते वक़्त लगा कि जनजाति और यहाँ की आबादी में एक टेंशन है। उनका कहना था कि ये लोग अब सबकुछ करते हैं। इनके पास मकान है-काम है। सरकार इनको बहुत कुछ देती है। स्कूल और अलग से होस्टल। जहाँ ठहरा हूँ वहाँ पर एक लड़का है। नवीं में पढ़ता है वो। उसने भी कहा कि जनजाति लोग झगड़ा करते हैं। गाली देते हैं। झगड़ा करते वक़्त मिक्स भाषा का प्रयोग करते हैं। ज्यादा होने पर छुरी घोप देते हैं। कनफ्लिक्ट बड़ा होता है। यह सब सेकेंडरी इनफार्मेशन है। शायद उनका फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस है लेकिन हमारा नहीं। कल सुबह जाना है। मिलना है उनसे। हिंदी समझते हैं वो। कम्युनिकेशन आसान हो जाएगा उनसे। अभिनव से मैंने कहा तुम्हारा पचीस परसेंट रिसर्च हो गया है।

                    (छत से ली गयी तस्वीर)

बेहद गर्मी है यहाँ। माथा दुख रहा है। माउंट आबू यहाँ से तीस किलोमीटर दूर है। यदि कल फील्ड वर्क निपटता है तो फिर झील के किनारे बैठ आया जाएगा। कभी सोचा नहीं था कि इतना घूम पाउँगा। जिंदगी को थोड़ा सा पटरी से उतार दिया हूँ। गांठें खुल चुकी हैं। खुद को परेशान करना बंद कर चुका हूँ। मैं इंतज़ार कर रहा हूँ, रवि ने कहा था कि बारह के बाद मौसम ठंडा हो जाएगा। बारह बजने वाला है। मिसिंग अब भी बचा है मेरे अंदर। शायद ही कभी खत्म हो। प्रेम का छटांश किसी कोने में अब भी है। बचा हुआ। मैं चाहता भी नहीं कि खत्म हो। थोड़ा सा हमेशा बचा रहे। अच्छा लगता है। अभिनव ने "तू प्यार का सागर है" बजने को लगा दिया है। वो कह रहा था कि चलो छत पर सोते हैं। छत पर से पहाड़ दिख रहा था और ऊपर आसमान बिल्कुल साफ, चाँदनी रात में। जी किया ही नहीं कि रुकूँ। जी करता भी नहीं है कुछ करने को। 

शायद यही है। आधा-पूरा-छटाँक। जो भी है। जैसा भी है। तीन दिन है। जेएनयू से आते वक्त ऑटो वाले से राजनीति खूब बतियाये हैं। खैर रवि को राजनीति उतनी नहीं आती है। मोदी में भी हाँ, गहलोत में भी हाँ। शायद राजस्थान भी वैसा ही हो। 

अबु रॉड
सिरोही-राजस्थान।
10-11/05/2022

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